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Bhojpuri Speaking Union

Bhojpuri Speaking Union

01 December 2019

REMARKS

High Commissioner Tanmaya Lal

Former Acting President of the Republic of Mauritius, Hon. Barlen Vyapoory,
Hon. Minister of Arts & Cultural Heritage Avinash Teeluck Ji,
Dr. Sarita Boodhoo, Chairperson of Bhojpuri Speaking Union,

यहाँ आए सभी गणमान्य अतिथि और भाइयो बहनों

आप सभी को मेरा सादर प्रणाम 

सबसे पहले तो मैं कला एवं सांस्कृतिक धरोहर मंत्रालय और Bhojpuri Speaking Union का आभार प्रकट करता हूँ जिन्होंने मुझे इस समारोह में आमंत्रित किया है ।

आप सब की यहाँ उपस्थिति यह दिखलाती है कि भोजपुरी भाषा का मॉरिशस में क्या महत्त्व रहा है और उसका आज भी क्या दर्जा है ।

पिछले डेढ़ सौ साल से भोजपुरी भाषा मॉरिशस आए लाखों सामान्य और मेहनत करने वाले परिवारों की एक संपर्क भाषा रही । वे चाहे किसी भी धर्म या जाति के हों भोजपुरी भाषा ने उन सबको एक साथ जोड़े रखा । यह भाषा भारत और मॉरिशस के बीच की प्रमुख संपर्क भाषाओं में भी रही है । इस भाषा ने अपने आप में यहाँ आए आपके पूर्वजों की यादों और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को बचाकर रखा है । 

अभी दो ही दिन पहले मुझे एक हल्दी समारोह में जाने का अवसर प्राप्त हुआ जिसमें धार्मिक विधानों के अलावा गीत गवई का भी आयोजन था जो वहाँ उपस्थित सभी परिवार और मित्र गण को सैकड़ों सालों से चली आ रही प्रथाओं से जोड़ रहा था । इस मौके पर उन गीतों की गवई ये दर्शा रहा था कि समाज में इन सामूहिक यादों और प्रथाओं का कितना महत्त्व है और कैसे यह समय और स्थान के इतने विशाल अंतर को भी महसूस नहीं होने देता ।

फिर भी आजकल के माहौल में दुनिया में हर समुदाय और समाज के सामने यह चुनौती है कि वह कैसे अपनी संस्कृति भाषा इत्यादि को नयी पीढ़ी के सामने प्रस्तुत करें ।

इस सन्दर्भ में Bhojpuri Speaking Union द्वारा मॉरिशस में एक महत्वपूर्ण योगदान चल रहा है । मुझे बताया गया है कि Bhojpuri Speaking Union मॉरिशस में महिलाओं के लिए लगभग 50 बैठकाओं और बच्चों के लिए 6 सायंकालीन पाठशालाएँ चला रही है जहाँ भोजपुरी भाषा और सांस्कृतिक धरोहर के बारे में जानकारी दी जाती है ।

Bhojpuri Speaking Union और उनके सहयोगियों का इस भाषा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में एक बहुत बड़ा और सराहनीय योगदान रहा है । आज से ठीक 3 साल पहले भोजपुरी लोक संगीत गीत गवई को UNESCO द्वारा विश्व की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में माना गया । यह सम्मान एक महान उपलब्धि है । जहाँ यह हमारे पूर्वजों और भोजपुरी भाषा भाषी का एक वैश्विक स्तर पर सम्मान है और उनके लिए गर्व की बात है । साथ-साथ इससे आशा बनती है कि नई पीढ़ी को भोजपुरी भाषा में और अपने इतिहास और संस्कृति को अधिक समझने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा । आज भी न केवल मॉरिशस और भारत में ही नहीं बल्कि अनेक और देशों में जैसे सूरीनाम गयाना सिंगापुर आदि जगहों में भी इसे बढ़ावा दिया जा रहा है ।

भारत में अभी November में कोलकता में एक अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी festival का आयोजन हुआ । भारत में भी भोजपुरी film industry आने वाले दिनों में एक भोजपुरी film awards ceremony का आयोजन कर रही है । कुछ महीने पहले मैं यहाँ मॉरिशस में एक सभा में शामिल हुआ जहाँ नौजवान छात्र और छात्रों ने भोजपुरी में short film द्वारा मॉरिशस में उनके पूर्वज के इतिहास को दर्शाने की ख़ूबसूरत पेशकश की ।

यहाँ मॉरिशस में भोजपुरी भाषा को न केवल जीवित रखने बल्कि सुदृढ़ बनाने में अनेक गणमान्य scholars ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है । scholars का एक समृद्ध literature है । इनमें से दो eminent scholars श्री कृष्णदत्त शर्मा सोवाम्बर और डॉ. गिर्जानंद सिंह अरविन्द बिसेसर को यहाँ आज सम्मानित किया जाएगा । Dr. Sarita Boodhoo का योगदान तो आप सभी को मालूम है ।

इस साल के आरम्भ में मुझे माननीय प्रधान मंत्री श्री प्रवीण कुमार जगनाथ की भारत यात्रा में शामिल होने का अवसर मिला था । वहाँ वे वाराणसी में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस के समारोह में मुख्य अतिथि थे । उन्होंने अपने भाषण में जब भोजपुरी का इस्तेमाल किया तो वहाँ उपस्थित हजारों लोगों के बीच एक ख़ुशी की लहर दौड़ गई । यह दर्शाता है कि भोजपुरी भाषा आज भी अलग-अलग देशों में कितनी लोकप्रिय है । 

अन्त में मैं कहना चाहूंगा:

भोजपुरी भाषा के आप लोगन ने बड़ा कठिन बखत में भी सहेज के रखलअ जा आशा करी ला कि भविष्य में भी ऐसे ही ई भाषा के सुरक्षित रखबअ जा

धन्यवाद

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