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राम नवमी पर्व - रामायण सेंटर

राम नवमी पर्व – रामायण सेंटर

महामहिम कला और संस्कृति मंत्री श्री रूपन जी,
महामहिम कृषि उद्योग मंत्री श्री सीरतन जी,
माननीय श्रीमती बोएगा जी,
माननीय श्री अरुण जी और डॉ. विनोदबाला जी,
यहाँ उपस्थित सभी गणमान्य अतिथि,
गुरुजन और भक्त जन,
आप सभी को रामनवमी की बहुत शुभकामनाएँ

रामनवमी के इस पावन पर्व को यहाँ आप सब के साथ मॉरिशस के इस सुन्दर रामायण सेंटर में मनाने के निमंत्रण के लिए मैं आप का आभारी हूँ ।

रामायण हमारी संस्कृति का एक अभिन्न अंग है ।

श्री राम की कथा हजारों सालों से बहुत लोकप्रिय और मार्गदर्शक रही है । भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर भी ।

ऐसा माना जाता है कि वाल्मीकि जी की संस्कृत रामायण आज से लगभग 2400 साल पहले लिखी गई थी । एक तरह से यह ग्रन्थ इससे पहले लिखे गए वेदों, उपनिषदों और धर्म शास्त्रों के सार को राम कथा के रूप में प्रस्तुत करता है ।

रामायण और महाभारत दोनों ही ग्रन्थ मूलत: ‘धर्म’ की बात करते हैं ।

समाज में विभिन्न परिस्थितियों में कर्म, राजधर्म, नैतिकता, न्याय, धर्मसंकट, संतुलन, निरंतर बदलाव और विविधता जैसे कठिन विषयों के बारे में इन महान ग्रंथों में अनेक उदाहरण मिलते हैं ।

रामायण की कहानी भारत के पूरे भूगोल, उत्तर से दक्षिण और श्रीलंका तक फैली है । आज भी उससे जुड़े अनेक स्थानों को लोग पहचानते हैं ।

रामायण की कहानी बौद्ध और जैन धर्म में भी मिलती है ।

लगभग एक हज़ार साल पहले से भारत के कई अन्य भागों में अनेक भाषाओँ में कई लेखकों ने कई रामायण लिखीं । पहले दक्षिण और फिर पूर्वी भारत में । फिर लगभा 400 साल पहले तुलसीदास जी ने अवधि भाषा में रामचरितमानस की रचना की जो कि आज भी उतनी ही लोकप्रिय है । इनमें भक्ति भाव की बहुत महत्ता है ।

रामायण भारत के बाहर व्यापारियों और अन्य यात्रियों द्वारा ले जाईं गईं । उत्तर में पंजाब और कश्मीर से चीन और तिब्बत की ओर, पूर्व में बंगाल से बर्मा, थाईलैंड और लाओस, कंबोडिया की ओर, और दक्षिण में जावा और सुमात्रा की ओर ।

इन सभी देशों में रामायण आज भी लोकप्रिय है । मैं लगभग 10 साल पहले थाईलेंड में पोस्टेड था । वहाँ अयोध्या नाम का एक प्रसिद्ध नगर है । आज भी वहाँ हजारों की संख्या में थाई नागरिक और विदेशी सैलानी जाते हैं । वहाँ के महामहिम राजा जी आज भी राम की उपाधि लेते हैं । थाई नृत्य में राम कथा प्रसंगों का एक मुख्य स्थान है । इंडोनेशिया में बाली में मुस्लिम धर्म के लोग आज भी भव्य रामलीला प्रस्तुत करते हैं ।

आज भारतीय मूल के लोग विश्व भर में बसे हैं और कार्यरत हैं । रामायण भी आज विश्व भर में पढ़ी और पढ़ाई जाती है ।

रामायण श्री राम जी के जीवन के माध्यम से जिन विषयों को उजागर करती है वे आज भी प्रासंगिक हैं । श्री राम के जीवन में निरंतर कठिनाइयाँ रहीं पर उन्होंने सदा अपने व्यवहार में एक संतुलन बनाए रखा । राम कथा हम सभी को जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में प्रेरणा देती है और मार्गदर्शन करती है ।

अन्त में आप सब को एक बार फिर रामनवमी की शुभकामनाएँ

धन्यवाद

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