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Ramleela

Ramleela
Ayodhya Research Institute, UP Government
Indira Gandhi Centre for Indian Culture
25 August 2019
REMARKS
High Commissioner Tanmaya Lal

 

महामहिम कला और संस्कृति मंत्री श्री पृथ्वीराजसिंह रूपन जी

महामहिम मॉरिशस के भारत में राजदूत श्री गोवर्धन जीजो आज यहाँ हमारे बीच उपस्थित हैंउनका विशेष स्वागत

अयोध्या से आए डॉ.योगेन्द्र प्रताप जी और उनके सभी सहयोगी

माननीय श्री अरुण जी और डॉ.विनोदबाला जी

यहाँ उपस्थित सभी गणमान्य अतिथि

आप सबको मेरा सादर नमस्कार

 

सबसे पहले मैं रामायण सेंटर का आभार प्रकट करना चाहता हूँ जिनके अथक प्रयासों से यह कार्यक्रम संपन्न हो सका है जिसमें स्वयं अयोध्या नगरी से आज रामलीला के कलाकार यहाँ उपस्थित हैं । यह एक बहुत प्रसन्नता का विषय है ।

 

रामायण हमारी साझी संस्कृति का एक अभिन्न अंग है । श्री राम की कथा हजारों सालों से बहुत लोकप्रिय और मार्गदर्शक रही है । ऐसा माना जाता है कि वाल्मीकि जी की संस्कृत रामायण आज से लगभग 2,400साल पहले लिखी गई ।

 

एक तरह से यह ग्रन्थ इससे पहले लिखे गए वेदोंउपनिषदों और धर्म शास्त्रों के सार को राम कथा के रूप में प्रस्तुत करता है । रामायण की कहानी बौद्ध और जैन धर्मों में भी मिलती है ।

 

श्री राम की कथा भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर भी लोकप्रिय है । रामायण भारत के बाहर व्यापारियों और अन्य यात्रियों द्वारा ले जाई गई । पूर्व में बर्माथाईलैंडलाओसकंबोडिया;दक्षिण में जावासुमात्राऔर बाली में;उत्तर में चीन और मोंगोलिया में अनेक जगहों पर रामकथा अपना ली गयी ।

 

थाईलैंड में अयोध्या नाम का एक प्रसिद्ध नगर है । आज भी वहाँ हज़ारों की संख्या में थाई नागरिक और विदेशी पर्यटक जाते हैं । वहाँ के महामहिम राजा जी आज भी राम की उपाधि लेते हैं । थाई नृत्य में राम कथा के प्रसंगों का एक प्रमुख स्थान है । इंडोनेशिया में बाली में मुस्लिम संप्रदाय के लोग आज भी भव्य रामलीला प्रस्तुत करते हैं ।

सन् 2005में रामलीला UNESCOद्वारा विश्व की धरोहर मानी गई । आज भारतीय मूल के लोग विश्व भर में बसे हैं । रामायण आज विश्व भर में पढ़ी और पढ़ाई जाती है ।

 

रामायण भारत और मॉरिशस के बीच के अटूट रिश्तों में से एक है । मुझे बताया गया है कि 19वीं सदी में मॉरिशस में भी रामलीला होती थी । रामायण सेंटर इसे फिर बढ़ावा देने के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है ।

 

हमारा सौभाग्य है कि आज हमारे बीच राम जन्म-भूमि अयोध्या से कलाकार यहाँ पधारे हैं और रामलीला प्रस्तुत करेंगे ।

 

मेरी ओर से रामायण सेंटर और अयोध्या रिसर्च संस्थानमॉरिशस सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद और बहुत बधाई ।

 

धन्यवाद

 

 

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