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बिहार दिवस

बिहार दिवस

26 मई 2019

 माननीय कला और संस्कृति मंत्री श्री पृथ्वी राज सिंह रूपन जी,

भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन की अध्यक्षा डॉ. सरिता बुधू जी,

श्री सचिन जूतन, Director, Mauritius Film Development Corporation

My friend the Ambassador of Japan to Mauritius,

My other diplomatic colleagues,

अन्य गणमान्य अतिथि,

भाई बहिन लोग,

रवरा लोग के हम नमन करत हंय

आप सब को बिहार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ,

मैं इस निमंत्रण के लिए आपका आभारी हूँ ।

भारत और मॉरिशस दोनों ही अपनी विविधता के लिए जाने जाते हैं । यह विविधता हमारी शक्ति भी है ।

जैसे बिहार का भारत के इतिहास और उसकी सभ्यता में एक विशिष्ट स्थान रहा है, और आज भी बिहार का भारत के व्यक्तित्व में एक विशेष स्थान है, ठीक उसी प्रकार मॉरिशस में बिहार के प्रवासी और भोजपुरी भाषी प्रवासियों का एक विशेष स्थान है । इस लिए आज आप सबके बीच इस अवसर पर उपस्थित होने में मुझे अत्यंत प्रसन्नता है ।

सबसे पहले मैं उन सभी कलाकारों को शुभकामनाएँ देना चाहता हूँ जिन्होंने “पत्थर बनल सोना” film competition में भाग लिया । और उन कलाकारों को भी जिन्होंने यहाँ एक पूर्वी शैली में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया । मैं श्री हीरालाल लीलाधर और प्रो. हेमराज सुन्दर को भी उनकी किताब और हास्य कविता के लिए बधाई देना चाहता हूँ ।

बिहार से मेरा भी कुछ निजी नाता रहा है । मेरी schooling बिहार में रांची में शुरू हुई जहाँ मेरे पिताजी उस समय बिरला विश्वविद्यालय में कार्यरत थे । आज मेरे अनेक मित्र और सहयोगी बिहार से सीधा संबंध रखते हैं ।

जैसा कि आप सभी को मालूम होगा ‘बिहार’ शब्द बौद्ध धर्म के ‘विहार’ से निकला मना जाता है । भगवान बुद्ध और भगवान महावीर दोनों ही ने शांति और अहिंसा का संदेश बिहार से दिया । सिख धर्म के गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म भी बिहार में ही हुआ । प्राचीन काल में नालंदा विश्वविद्यालय की ख्याति दूर-दूर तक फैली थी और चीन और ग्रीस जैसे दूर-दराज़ क्षेत्रों से लोग वहाँ पढ़ने आते थे । सम्राट अशोक, चन्द्रगुप्त मौर्य जैसे कुशल शासक और आर्य भट्ट जैसे वैज्ञानिकों का नाम बिहार से जुड़ा है । आज भारतीय राष्ट्र का प्रतीक अशोक चक्र है और भारत के पहले sattelite को ‘आर्य भट्ट’ का नाम दिया गया था ।

आज बिहार के प्रवासी भारत और मॉरिशस में ही नहीं बल्कि अनेक अन्य देशों में भी बसे हैं ।

मॉरिशस में बिहार की संस्कृति और भोजपुरी भाषा के लिए विशेष लगाव है । इस वर्ष जनवरी में माननीय प्रधान मंत्री श्री प्रवीन कुमार जगन्नाथ ने वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर अपने भाषण में भोजपुरी में बोलकर वहाँ उपस्थित हजारों लोगों का दिल जीत लिया था ।

किसी भी समाज की पहचान उसकी भाषा, संस्कृति और रीती - रिवाजों द्वारा होती है । किन्तु वैश्वीकरण के इस तेज़ी से बदलते हुए दौर में युवा पीढ़ी को अपनी भाषा और संस्कृति में रुचि बनाए रखने के लिए विशेष ध्यान की आवश्यकता है । मुझे प्रसन्नता है कि जो भोजपुरी film competition यहाँ आयोजित किया गया वह इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है ।

Technology, Creativity, Entertainment और social media के माध्यम से युवाओं में अपनी संस्कृति और भाषा में रुचि बढ़ाना एक सराहनीय और असरदार कदम है । आज ‘गीत गवई’ विश्व की धरोहर मानी जाती है । भोजपुरी पर कई शोध कार्य भी किए जाते हैं ।

अन्त में मैं एक बार फिर आप सभी को बिहार दिवस के अवसर पर और अपनी संस्कृति और भाषा से जुड़े रहने के आपके निरंतर प्रयत्नों के लिए आप सभी को शुभकामनाएँ देता हूँ ।

बिहार दिवस में भाग लेकर के हमके बहुत अच्छा लगत बा,

धन्यवाद

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